बहुत समय पहले अयोध्या के राजा दशरथ के बेटे भगवान राम ने राक्षस राजा रावण को हराया था। रावण को हराने के बाद, राम अपनी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ 14 साल के वनवास से लौटे थे।

उनके लौटने पर अयोध्या के लोग बेहद खुश थे। उनकी खुशी जाहिर करने के लिए, 

लोगों ने पूरे शहर को दीयों से सजाया और मिठाइयाँ बांटीं। उस दिन के बाद से,

हर साल दिवाली पर घरों में दीये जलाए जाते हैं, ताकि खुशियाँ और सुख-शांति हमारे जीवन में हमेशा बनी रहें।

दिवाली सिर्फ रोशनी का पर्व नहीं है; यह बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।

दिवाली का त्योहार पूरे भारत में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन लोग अपने घरों की साफ-सफाई करते हैं और सजावट के लिए रंगोली बनाते हैं।

शाम को घरों में दीये और मोमबत्तियाँ जलाकर रोशनी की जाती है।

लक्ष्मी पूजा का भी खास महत्व होता है, जिससे घर में सुख-समृद्धि बनी रहे। लोग भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की पूजा कर उनका आशीर्वाद मांगते हैं।

बच्चे फुलझड़ियाँ और पटाखे जलाते हैं, और सभी मिलकर मिठाइयाँ बाँटते हैं। दिवाली का त्योहार हमें अच्छाई के रास्ते पर चलने और जीवन में खुशियाँ बाँटने की प्रेरणा देता है।

विदेशों में भी बढ़ती दिवाली की लोकप्रियता अब दिवाली का त्योहार सिर्फ भारत तक सीमित नहीं रहा। पश्चिमी देशों में भी इसकी लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है, और दूसरे धर्मों के लोग भी इसे उत्साह से मनाने लगे हैं। अमेरिका, इंग्लैंड, कनाडा जैसे कई देशों में दिवाली पर बड़े स्तर पर कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। लोग अपने घरों और सार्वजनिक जगहों पर रोशनी करते हैं, रंगोली बनाते हैं, और भारतीय संस्कृति का आनंद लेते हैं।

जय सिया राम जी....प्रभु जी आप सब पर कृपा बनाये रखें